नई पुस्तकें >> सम्पूर्ण वास्तुशास्त्र सम्पूर्ण वास्तुशास्त्रभोजराज द्विवेदी
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
‘सम्पूर्ण वास्तुशास्त्र’ प्राचीन वास्तुकला को लेकर लिखी गई पहली पुस्तक है, जिसमें भवन-स्थापत्य कला पर विस्तृत चिंतन किया गया है। नए मकान का प्रवेश द्वार किधर हो ? द्धारवेध किसे कहते हैं, कितने प्रकार के होते हैं ? भवन में जल स्थान (Water-tank) कहां, किधर होना चाहिए ? पाकशाला (Kitchen) में अग्नि स्थान (Fire-Spot) कहां हो ? शयन कक्ष (Bed-Room) किस दिशा में होना चाहिए ताकि शयनकर्त्ता को भरपूर नींद आ सके। निवास करने योग्य भूखंड की आकृति कैसी होनी चाहिए। भू-परीक्षण के क्या-क्या शास्त्रीय विधन हैं ? सही वास्तु के मुहूर्त कैसे देखे जाते हैं ? इन सभी पहलुओं पर अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विद्वान लेखक डॉ. भोजराज द्विवेदी ने व्यावहारिक चित्रों के साथ पुस्तक को बहुत ही सुंदर ढंग से संवारा-संजोया है।
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